पहलगाम हमले का बदला: ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण घाटी में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हमलावरों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की और विशेष रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी थी। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने न केवल सैन्य कार्रवाई की, बल्कि राजनयिक और आर्थिक मोर्चे पर भी कड़े कदम उठाए।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और नियंत्रित हमला
7 मई की तड़के 1:44 बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान के बहावलपुर, कोटली, मुरिदके और मुजफ्फराबाद सहित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला "सटीक और नियंत्रित" था, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। इसका उद्देश्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, "न्याय हुआ। जय हिंद!"
पाकिस्तान का जवाब और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की सेना ने इन हमलों की पुष्टि की और इसे "कायरतापूर्ण" करार दिया। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि हमले में एक बच्चे की मौत हुई और दो लोग घायल हुए। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, हालांकि भारत ने इस दावे की पुष्टि नहीं की। पाकिस्तानी मीडिया ने पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल कर भ्रामक दावे किए, जिन्हें बाद में खारिज कर दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह तनाव जल्द खत्म होगा। वहीं, इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
भारत के अन्य कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए। सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया, अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया गया, और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, बागलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर पानी का प्रवाह भी रोक दिया गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
X पर इस ऑपरेशन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा, "हमारी सेना पर गर्व है। जय हिंद!" वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को पूरी तरह नष्ट करना होगा।" कई अन्य नेताओं और नागरिकों ने भी भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना की।
आगे की चुनौतियां
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की मजबूत इच्छाशक्ति को दिखाया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव बढ़ सकता है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जवाबी कार्रवाई का समय और स्थान पाकिस्तान चुनेगा। भारत ने अपनी वायु रक्षा इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा है और देशभर में सुरक्षा ड्रिल आयोजित की जा रही हैं।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह पहली बार है जब 1971 के युद्ध के बाद तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हमले का जवाब देगा।